Tag: Poems from India

My Poems Underprivileged

रमुआ से अब राम बना दो

एक विनती तो है ये भगवन मेरी प्रार्थना स्वीकार करा दो पैरवी पैगाम जैसे हो लेकिन रमुआ से अब राम बना दो। चाह नहीं मैं हलुआ पूरी मुर्ग मुसल्लम खाकर सोऊँ पर माँड़ भात साग से हरदिन मेरे पेट की आग बुझा दो। चाह नहीं कि सूट टाई से सजकर घर से बाहर जाऊँ पर […]

Back To Top