एक विनती तो है ये भगवन मेरी प्रार्थना स्वीकार करा दो पैरवी पैगाम जैसे हो लेकिन रमुआ से अब राम बना दो। चाह नहीं मैं हलुआ पूरी मुर्ग मुसल्लम खाकर सोऊँ पर माँड़ भात साग से हरदिन मेरे पेट की आग बुझा दो। चाह नहीं कि सूट टाई से सजकर घर से बाहर जाऊँ पर […]
एक विनती तो है ये भगवन मेरी प्रार्थना स्वीकार करा दो पैरवी पैगाम जैसे हो लेकिन रमुआ से अब राम बना दो। चाह नहीं मैं हलुआ पूरी मुर्ग मुसल्लम खाकर सोऊँ पर माँड़ भात साग से हरदिन मेरे पेट की आग बुझा दो। चाह नहीं कि सूट टाई से सजकर घर से बाहर जाऊँ पर […]